भारतीय उपराष्ट्रपति: चुनाव प्रक्रिया व अनुच्छेद 63–68

उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति अनुच्छेद 63 भारतीय संविधान में एक संक्षिप्त लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो उपराष्ट्रपति के पद की स्थापना करता है। यह अनुच्छेद भारत में उपराष्ट्रपति के संवैधानिक अस्तित्व की पुष्टि करता है, भले ही इसमें कार्य, अधिकार, निर्वाचन प्रक्रिया या योग्यता का विस्तार से वर्णन नहीं किया गया है। प्रमुख बिंदु: महत्व:उपराष्ट्रपति का पद … Read more

विकल्प, नियंत्रण और पूंजी: भारत के विकास की तीन आधारशिला

भारत आज एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है। इसके विकास की गति को तेज़ करने के लिए तीन बुनियादी सिद्धांत अत्यंत आवश्यक हैं: विकल्प (Choice), नियंत्रण (Control) और पूंजी (Capital)।ये तीनों तत्व व्यक्तिगत सशक्तिकरण से लेकर राष्ट्रीय नीति निर्माण तक विकास की रीढ़ बन चुके हैं। हालाँकि, इन तीन स्तंभों की प्रभावशीलता देश की जनसंख्या … Read more

नक्सलवाद: इतिहास, कारण, पंचवर्षीय योजनाओं की भूमिका और 2026 तक सरकार की रणनीति

नक्सलवाद क्या है? नक्सलवाद एक वामपंथी (Leftist) क्रांतिकारी विचारधारा है, जिसका उद्देश्य पूंजीवाद, सामंतवाद और सामाजिक असमानता को समाप्त कर एक समतावादी (egalitarian) समाज की स्थापना करना है। 1950 की पंचवर्षीय योजनाओं और नक्सलवाद का संबंध नक्सलवाद की औपचारिक शुरुआत 1967 में हुई थी (नक्सलबाड़ी विद्रोह)।लेकिन 1950 के दशक में उसके बीज (roots) मौजूद थे … Read more

भारतीय संविधान के 6 मौलिक अधिकार और उनकी 5 प्रमुख विशेषताएँ | Fundamental Rights

उपराष्ट्रपति

मौलिक अधिकार: भारतीय संविधान के भाग-III (अनुच्छेद 12 से 35) में मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है। ये अधिकार नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा के साथ जीने का अधिकार प्रदान करते हैं। यह अधिकार भारत को एक लोकतांत्रिक और कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए आधार प्रदान करते हैं। भारतीय संविधान में कुल … Read more