विकल्प, नियंत्रण और पूंजी: भारत के विकास की तीन आधारशिला

भारत आज एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है। इसके विकास की गति को तेज़ करने के लिए तीन बुनियादी सिद्धांत अत्यंत आवश्यक हैं: विकल्प (Choice), नियंत्रण (Control) और पूंजी (Capital)।ये तीनों तत्व व्यक्तिगत सशक्तिकरण से लेकर राष्ट्रीय नीति निर्माण तक विकास की रीढ़ बन चुके हैं। हालाँकि, इन तीन स्तंभों की प्रभावशीलता देश की जनसंख्या … Read more

नक्सलवाद: इतिहास, कारण, पंचवर्षीय योजनाओं की भूमिका और 2026 तक सरकार की रणनीति

नक्सलवाद क्या है? नक्सलवाद एक वामपंथी (Leftist) क्रांतिकारी विचारधारा है, जिसका उद्देश्य पूंजीवाद, सामंतवाद और सामाजिक असमानता को समाप्त कर एक समतावादी (egalitarian) समाज की स्थापना करना है। 1950 की पंचवर्षीय योजनाओं और नक्सलवाद का संबंध नक्सलवाद की औपचारिक शुरुआत 1967 में हुई थी (नक्सलबाड़ी विद्रोह)।लेकिन 1950 के दशक में उसके बीज (roots) मौजूद थे … Read more

भारतीय संविधान की 5 रिट्स (Writs): अर्थ, उद्देश्य, विशेषताएँ

5 Writs in Indian Constitution in Hindi - Article 32 & 226 Explained

रिट (Writ) क्या है? रिट का अर्थ है “न्यायिक आदेश”।जब किसी नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर सकता है। भारतीय संविधान में 5 प्रकार की रिट्स (Writs) भारतीय संविधान की 5 रिट्स मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायिक आदेश के … Read more

भारतीय संविधान के 6 मौलिक अधिकार और उनकी 5 प्रमुख विशेषताएँ | Fundamental Rights

भारतीय संविधान के 6 मौलिक अधिकार और उनकी 5 विशेषताएँ – Fundamental Rights

मौलिक अधिकार: भारतीय संविधान के भाग-III (अनुच्छेद 12 से 35) में मौलिक अधिकारों का उल्लेख किया गया है। ये अधिकार नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा के साथ जीने का अधिकार प्रदान करते हैं। यह अधिकार भारत को एक लोकतांत्रिक और कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए आधार प्रदान करते हैं। भारतीय संविधान में कुल … Read more

भारत में गिग वर्कर्स: परिभाषा, फायदे, चुनौतियाँ और सरकारी योजनाएँ

गिग वर्कर्स Gig workers

गिग वर्कर्स (Gig workers) वो लोग होते हैं जो पारंपरिक नौकरी की बजाय छोटी अवधि के “gigs” या स्वतंत्र (freelance/contract-based) काम करते हैं — जैसे Ola/Uber ड्राइवर, Zomato/Swiggy डिलीवरी एजेंट्स, Urban Company के ब्यूटीशियन आदि। Gig Workers कौन होते हैं? गिग इकॉनमी (Gig economy) आधुनिक श्रम व्यवस्था का एक ऐसा रूप है जिसमें लोग पारंपरिक नौकरियों की … Read more

मूल संरचना सिद्धांत: भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों की रक्षा का आधार – UPSC विश्लेषण

मूल संरचना सिद्धांत – भारतीय संविधान

भारत का संविधान केवल क़ानूनी प्रावधानों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत दस्तावेज़ है जो नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के साथ-साथ सत्ता के संतुलन की गारंटी भी देता है। परंतु जब संसद की संशोधन शक्ति और नागरिकों के अधिकार आमने-सामने आए, तो न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना पड़ा — और वहीं से जन्म … Read more

आपातकाल 1975: जबरन नसबंदी, संजय गांधी की नीति और लोकतंत्र पर असर

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स्वतंत्रता के बाद भारत ने जहां एक ओर लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना का प्रयास किया, वहीं 1975–77 के आपातकाल ने इन मूल्यों की गंभीर परीक्षा ली। इस अवधि को भारतीय इतिहास का एक ऐसा अध्याय माना जाता है, जिसमें राज्य शक्ति का केंद्रीकरण, नागरिक स्वतंत्रताओं का हनन, और सरकारी नीतियों का जबरन क्रियान्वयन प्रमुखता से … Read more

SCO क्या है? स्थापना, 10 सदस्य देश, उद्देश्य, प्रभाव, चुनौतियाँ और भारत की भूमिका

SCO शिखर बैठक में सदस्य देश और भारत की भूमिका

SCO क्या है? शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation – SCO) एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है जो राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य करता है। इसकी स्थापना एशिया क्षेत्र में आपसी विश्वास, स्थायित्व, शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। याद रखने की ट्रिक (TRICK to … Read more

2024 में भारत में महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व: चुनौतियाँ, संगठन और समाधान

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ महिलाओं की आबादी लगभग 49% है। इसके बावजूद, राजनीति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बेहद सीमित है। 2024 के आम चुनावों और राज्य विधानसभा चुनावों के आँकड़े बताते हैं कि राजनीतिक निर्णयों में महिलाओं की भूमिका अब भी नगण्य है। राजनीतिक भागीदारी की वर्तमान स्थिति मुख्य चुनौतियाँ … Read more